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Monday, March 08, 2010

कृषि के प्रति उदासीनता

 खाने पीने की वस्तुओं की कीमतों में लगातार बार बार आ रहे उछाल  [ महंगाई] से जन जन त्रस्त है|सरकार इसके लिए खाध्य वस्तुओं की कमी+मौसम की बेरुखी ++संम्पन्नता +++काला बाजारी आदि को दोष दे रही है|
        मानव संसाधन विकास मंत्री मिस्टर एच.आर. काबिल सिब्बल ने बीते दिन बी.एच.यू. वाराणसी में यह कह दिया की हमारा देश कृषि अर्थ व्यवस्था से सेवा आधारित अर्थ व्यवस्था की और दौड़ रही है|शायद यह ठीक भी है क्योंकि कृषि यौग्य भूमि पर आए दिन काम्प्लेक्स+राज मार्ग++++++बनाए जा रहे हैं|कृषिशिक्षा के प्रति उदासीनता बड़ रही है|बीते दिनों कृषि विषय में दसवीं की यू.बोर्ड.परीक्षा के लिए उत्तर प्रदेश के मेरठ में मोदीपुरम+बुलन्दसहर में मात्र एक एक छात्र [कृषि]ही पंजीक्रत हुआ और वोह भी परीक्षा नहीं दे पाया|