मेरठ को शिक्षा+स्पोर्ट्स गुड्स +मेडिकल+ मीडिया+लघु उद्योगों का केंद्र[हब]कहा जाता है लेकिन आज कल यहाँ अपराधों की बाड़ सी ही आई हुई है। सरे आम कत्ल +सामूहिक बलात्कार+चेन स्नेचिंग+ लूट+चोरी और डकैती आदि के समाचारों से अखबार भरे रहते हैंशायद इसी लिए छीना झपटी के छौटे मौटे अपराध आज कल के अपराधिक नक्कारखाने में महत्वहीन तूती बन कर ही रह जाते हैं।मेरा मानना है की अपराध तो अपराध ही होता है छौटा हो या बड़ा यह समाज और सरकार अर्थार्त व्यवस्था को चुनौती होता है इसीलिए तूती की आवाज़ को भी महत्त्व दे कर अपराध निरोधात्मक कार्यवाही प्राम्भ कर दी जानी चाहिए।
मेरा मानना है की इस प्रकार के छौटे मौटे अपराध एक प्रिलिमनरी टेस्ट की भाँती होतें हैं जिन्हें सफलता पूर्वक पास करके बड़े अपराध करने के लिए अपराध स्कूल जाने लायक हौंसला मिल जाता है और स्कूल से कालेज में एडमिशन आसानी से मिल जाता है
इसी प्रकार की तूती रूपी लूट की एक घटना का गवाह में भी बन गया ।सब कुछ इतनी जल्दी हुआ की जब तक समझ आता बाईक सवार जा चुका था ।
आज सुबह ६ बजे के करीब गंगानगर के दिवायदर रोड पर अचानक एक लड़की[संभवत छात्रा] काली बाईक के पीछे बदहवास चिल्लाती हुई भागी जा रही थी पकड़ो 'पकड़ो इसने मेरा फोन छीन लिया है । बाईक सवार भी बामुश्किल २३ -२४ साल का स्लिम । क्लीन शेव्ड था मगर चौंकाने वाली बात यह थी की यह लुटेरा बिना हेलमेट के था यानि बेफिक्र था बेखौफ था। जब तक मामला समझ आता तब तक तो बाईक जा चुकी थी।पूरी लगभग २.५ किलो मीटर की सड़क पर खाकी वरदी धारी तो दूर प्रायवेट सुरक्षा कर्मी भी नहीं दिखे।मोर्निंग वाक् करने वाले केवल चर्चा ही करते रह गए।
मेरा मानना है की इस प्रकार के छौटे मौटे अपराध एक प्रिलिमनरी टेस्ट की भाँती होतें हैं जिन्हें सफलता पूर्वक पास करके बड़े अपराध करने के लिए अपराध स्कूल जाने लायक हौंसला मिल जाता है और स्कूल से कालेज में एडमिशन आसानी से मिल जाता है
इसी प्रकार की तूती रूपी लूट की एक घटना का गवाह में भी बन गया ।सब कुछ इतनी जल्दी हुआ की जब तक समझ आता बाईक सवार जा चुका था ।
आज सुबह ६ बजे के करीब गंगानगर के दिवायदर रोड पर अचानक एक लड़की[संभवत छात्रा] काली बाईक के पीछे बदहवास चिल्लाती हुई भागी जा रही थी पकड़ो 'पकड़ो इसने मेरा फोन छीन लिया है । बाईक सवार भी बामुश्किल २३ -२४ साल का स्लिम । क्लीन शेव्ड था मगर चौंकाने वाली बात यह थी की यह लुटेरा बिना हेलमेट के था यानि बेफिक्र था बेखौफ था। जब तक मामला समझ आता तब तक तो बाईक जा चुकी थी।पूरी लगभग २.५ किलो मीटर की सड़क पर खाकी वरदी धारी तो दूर प्रायवेट सुरक्षा कर्मी भी नहीं दिखे।मोर्निंग वाक् करने वाले केवल चर्चा ही करते रह गए।