Pages

Search This Blog

Sunday, March 04, 2012

जिनका मुह नहीं देखने को कसमे खाई जाती रही।अब वोही दायें बाएं मेल जोल की ख्वाहिशें उछाल रहे हैं।

लो जी करलो गल  हाँ जी  यूं पी में करोड़ों रुपये कर्च करके चुनाव करवाए मगर  १६ वीं विधान सभा के लिए मीडिया में  घरैड पै ही गई।पार्टियों में भम्बरभूसा पै गया+नेता बेचारे  सरकार बनाने या मुख्यमंत्री बनाने के लिए गद्दी घेर में घिर गएहैं मतबल  नतीजे की भैंस गई पानी में ।
       पोस्ट पोल नतीजों में [हंग असम्बली] लटकती विधान सभा की सम्भावनाओं को व्यक्त किया गया है।ऐसे में पूर्व  प्रचारित रास्त्रपति शासन से बचने से राजनितिक गठजोड़ के समीकरण तलाशे जाने लगे हैं\कल तक जिनका मुह नहीं देखने को कसमे खाई जाती रही।अब वोही दायें बाएं मेल जोल की ख्वाहिशें  उछाल रहे हैं।
       रालोद के   युवराज  जयंत चौधरी ने अपने पिता अजित सिंह की पूर्व घोषणा के विरुद्ध सपा के दरवाज़े खुले होने की बात लीक कर दी ।दूसरी तरफ  सपा  प्रमुख मुलायम सिंह यादव के भाई शिवपाल यादव इसका खंडन करते हुए किसी भी गटबंधन से इनकार कर रहे है
        कांग्रेसी स्टील मंत्री बैनी प्रसाद वर्मा  मुलायम सिंह यादव के मुकाबले मायावती के प्रति राजनितिक आकर्षण का प्रदर्शन कर रहे हैं।राशिद अल्वी बेचारे चीख चीख कर नतीजों के लिए निर्धारित ६ मार्च तक प्रतीक्षा करने की दुहाई दे रहे हैं।
       भाजपाई नेतागण प्रदेश में प्रेसिडेंट रूल  को विफल करने को किसी भी हद तक जाने को ताल ठोकते फिर रहे हैं।अब ६ मार्च को 'पता चलेगा की प्रदेश में असली युव राज कौन है [अ]राहुल गांधी[आ]अखिलेश यादव[इ]जयंत चौधरी