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Tuesday, April 10, 2012

हाय ओये हसाड़ी बैसाखी

बैसाखी दा की बनू 
[१]आंघी तूफ़ान के साईड इफेक्ट्स 


[२]आंघी तूफ़ान के साईड इफेक्ट्स 
आंधी तूफ़ान  के साथ बेमौसमी बरसात जब चलती है तो इनके कहर से मज़बूत और कमजोर सभी धाराशाई हो जाते हैं |  साईड इफेक्ट्स  या लेटर इफेक्ट्स  फोटो में दिखाई दे रहे हैं |इन्हें देख कर  खड़ी गेहूं की फसल और आम के बौरों की हालत भी  समझी जा सकती है|फसल खराब होने के बाद बाज़ार की हालत का अंदाजा  लगाया जा सकता है|किसान और बाज़ार जब बेज़ार होंगे तो  बेचारी सरकार पर पड़ने वाले दबाव की भविष्यवाणी भी की जा सकती है हाय ओये हसाड़ी बैसाखी 
बीते दिन अचानक मौसम ने करवट ली और सबकुछ तहस नहस कर दिया\  मेरठ में  
 लगभग ५.५० अचानक घर के दरवाजे और खिड़कियाँ बजने लगे |उठ कर देखा तो बाहर आंधी चल रही थी और बूंदाबांदी जारी थी| बाहर घुप अन्धेरा छाया था मानो रात का साया घिर आया हो|
इतने में पत्नी जी का फोन आया की माल रोड पर तेज़ बारिश और आंधी से अन्धेरा छा गया है |ऐसे में बिजली का जाना तो लाज़मी है सो समय  मानो ठहर गया हो।
 टी वी चैनल दिल्ली में यही हालात बयान कर रहे थे लगता है की दिल्ली से चल
 कर आंधी +झकड़++ बारिश मेरठ में भी आ गई लुधियाना +पटियाला आदि से फेस बुक फ्रेंड्स ने बताया की वहां भी यही हालत हैमेरठ के एक किसान परिवार से मित्र ने गेहूं की बर्बादी की आशंका जताई  
 
[1]अंधेरी चली बूंदे पडी शाम में ही हो गई रात 



[2]ये कुदरती कहर है 


[3] या मौसम की फटकार
अंधेरी चली बूंदे पडी शाम में ही हो गई रात 
ये कुदरती कहर है या मौसम की फटकार
आज अचनाक लगभग ५.५० अचानक घर के दरवाजे और खिड़कियाँ बजने लगे |उठ कर देखा तो बाहर आंधी चल रही थी और बूंदाबांदी जारी थी| बाहर घुप अन्धेरा छाया था मानो रात का साया घिर आया हो|
इतने में पत्नी जी का फोन आया की माल रोड पर तेज़ बारिश और आंधी से अन्धेरा छा गया है |ऐसे में बिजली का जाना तो लाज़मी है सो समय मनो ठहरा हुआ है |
अभी कुछ देर पहले ही टी वी चैनल दिल्ली में यही हालात बयान कर रहे थे लगता है की दिल्ली से चल कर आंधी +झकड़++ बारिश मेरठ में भी आ गई One Of My Facebook Friend  From Ludhiana Punjab]Keshav Batli Has Informed That The Same Changes Are There Also Bbut He Also Consoled That He His Feeling Pleasant Climate Now.