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[1]अंधेरी चली बूंदे पडी शाम में ही हो गई रात |
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[2]ये कुदरती कहर है |
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[3] या मौसम की फटकार |
ये कुदरती कहर है या मौसम की फटकार
आज अचनाक लगभग ५.५० अचानक घर के दरवाजे और खिड़कियाँ बजने लगे |उठ कर देखा तो बाहर आंधी चल रही थी और बूंदाबांदी जारी थी| बाहर घुप अन्धेरा छाया था मानो रात का साया घिर आया हो|
इतने में पत्नी जी का फोन आया की माल रोड पर तेज़ बारिश और आंधी से अन्धेरा छा गया है |ऐसे में बिजली का जाना तो लाज़मी है सो समय मनो ठहरा हुआ है |
अभी कुछ देर पहले ही टी वी चैनल दिल्ली में यही हालात बयान कर रहे थे लगता है की दिल्ली से चल कर आंधी +झकड़++ बारिश मेरठ में भी आ गई One Of My Facebook Friend From Ludhiana Punjab]Keshav Batli Has Informed That The Same Changes Are There Also Bbut He Also Consoled That He His Feeling Pleasant Climate Now.