Pages

Search This Blog

Tuesday, March 13, 2012

सरकारों के तमाम रोज़गार संबंधी दावे केवल हवा हवाई ही साबित होते हैं।

उत्तर प्रदेश के नवनिर्वाचित मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने जबसे बेरोजगारी भत्ता देने की बात कही है तब से रोज़गार कार्यालायोंमे  युवाओं की कतारें लम्बी होने लग गई हैं।मेरठ में तो 'प्रतिदिन यह आंकडा ३००० को छु रहाहै।
   यद्यपि यह  भत्ता ३५ वर्षीय[१२वी पास] बेरोजगार को ही मिलेगा मगर रोज़गार दफ्तर में  पोस्ट ग्रेजुएट तक लाइन  लगाए हैं\शादी शुदा +पिता+माता+तक एक हाथ से अपने शिशुओं को गोद मेंसंभाले और दूसरे हाथ  में कागजात  लिए घंटों लाइन में खड़े रहते हैं।
   प्रदेश के रोज़गार कार्यालयों में बेरोजगारों के पंजीयन के आंकड़ों पर नज़र डालने से पता चलता हे के वर्ष २०१० में ४.२५ लाख पंजीयन होने के साथ यह संख्या १९.८० लाख पर पहुँच गई।
   बेरोजगारों के दिनों दिन बड़ती लाइनों से चिंता होना  स्वाभाविक है ।इससे एक बात साफ होजाती है की पुराणी[केंद्र+राज्य] सरकारों के तमाम रोज़गार संबंधी दावे केवल हवा हवाई ही साबित होते हैं।और अखिलेश जी देश को बेरोजगारी भत्ता आगे नहीं बढ़ाएगा वरन रोज़गार के अवसर पैदा कीजिये क्योंकि अमेरिका भी अपने यहाँ यह भत्ता दे रहा है मगर वहां बेरोजगारों की संख्या निरंतर बढ ही रही है।