प्रणव दा हमें आपसे और कुछ नहीं चाहिए हमें केवल जूट की बोरियां दे दीजिये बोरियां नहीं है इसीलिए किसान की मेहनत का बहुमूल्य फल अनाज बेकार होने जा रहा है ये गुहार आज संसद में भाजपा की वरिष्ठ नेत्री श्रीमती सुषमा स्वराज ने लगाई |अपने सहयोगी दल जे दी यूं के शरद यादव द्वारा गेहूं की बदहाली और सरकार द्वारा इसकी खरीद में तालाम्टोली पर चिंता व्यक्त कर रहे थे इस पर सुषमा ने मोर्चा संभालते हुए मध्य प्रदेश में बोरियों की आपूर्ति नहीं किये जाने से अनाज की दुर्दशा का चित्रं किया और हाथ जोड़ कर बोरियां माँगी |इस पर विपक्ष एक जुट हो गया और लालू प्रसाद यादव के साथी रघुवंश प्रसाद ने चुटकी लेते हुए बताया की बिहार में एक बोरे में ४.५ करोड़ रुपयों का काला धन मिला है |गेहूं के लिए बोरी नहीं है मगर काला धन रहने के लिए बोरे उपलब्ध हैं ||इसके पश्चात जे दी यूं के सदस्य स्पीकर के सामने वेल में भी जाने लगे
संसद में बताया गया की केंद्र सरकार ने बीते सप्ताह बोरे उपलब्ध कराने का आश्वासन दिया था मगर आज ७ तारीख को भी स्थिति जडवत ही है |अर्थार्त बोरियां ना होने के कारण गेहूं की खरीद और भंडारण नहीं हो पा रहा है|
गोरतलब हे की पहले पोलिथीन के बोरे भंडारण के लिए उपयोग में लाये जाते थे मगर अब पोलिथीन पर रोक है सो जूट के बोरे चाहियें और इतनी बड़ी संख्या में जूट के बोरे उपलब्ध नहीं हो रहे है |यानि दोनों तरफ से सरकार घिरी है |अगर बोरे दे दिए जाते हैं तो घाटे में जा रहे सरकार को विवश हो कर गेहूं को न केवल खरीदना पडेगा वरन भंडारण की व्यवस्था भी करनी पड़ेगी|और अगर बोरे नहीं दिए जाते तो विपक्ष इस मुद्दे को २०१४ तक जीवित जरूर रखेगा और चुनावों में भुनाएगा भी