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Wednesday, June 13, 2012

सर्वोच्च संवैधानिक पद राष्ट्रपति के चुनाव भी अब किसी बेस्ट सेलर सस्पेंस थ्रिलर की भांति हो गए हैं

 यूपी ऐ की अध्यक्षा श्रीमति सोनिया गाँधी ने आज त्रिमुल कांग्रेस की अध्यक्षा और बंगाल की सी एम् ममता बेनर्जी के कान में प्रेसिडेंट के लिए दो नाम क्या फूंक दिए की हंगामा हो गया |अब सभी एक एक करके अपने पत्ते खोलने लग गए हैं| कांग्रेस की एक  चाल  पर सबसे पहले अपने कार्ड्स शो करने में मुलायम सिंह और ममता ने पहल कर दी है 
 भारत का संविधान  सभ्य  समाज के लिए  एक  सभ्य  द्वारा  रचा  गया था  मगर  मात्र  6 दशकों में ही  सभ्यता के सभी  मान्य  पैमाने टाक पर रख दिए गए है  यहाँ तक की सर्वोच्च संवैधानिक  पद राष्ट्रपति  के चुनाव  भी अब  किसी  बेस्ट सेलर सस्पेंस  थ्रिलर  की भांति  हो गए हैं।13-06-2012 के घटनाक्रम को देखते हुए यह चेतावनी देना भी जरूरी है की कमज़ोर दिल वाले कृपया इसे ना देखे या पड़े ।


  श्रीमति गांधी पर पिछले कई दिनों से अपना प्रत्याशी घोषित करने को दबाब था आज उन्होंने यह दबाब दूसरों पर डाल दिया उन्होंने अपने सहयोगी टी एम् सी की अध्यक्षा को प्रेसिडेंट के लिए वितमंत्री प्रणव मुखर्जी और उपराष्ट्रपति के नाम सुझाए |इसके जवाब में ममता बेनर्जी और सपा के मुखिया मुलायम सिंह यादव ने संयुक्त मीटिंग में इन्हें खारिज करके [१]पूर्व राष्ट्रपति ऐ पी जे अब्दुल कलाम  [२]वर्तमान पी एम् डाक्टर मनमोहन सिंह और [३]पुर्व स्पीकर सोमनाथ चटर्जी के नाम सुझा दिए| अभी मुख्य विपक्षी दल एन डी ऐ और शरद पोवार ने कुछ कहने से गुरेज किया है |ये लोग  अभी भी कांग्रेस के अधिकृत घोषणा  की प्रतीक्षा में ही हैं।
   यह घटना क्रम इतनी गति से   आगे बड़ा की देवानंद की सुपरहिट फिल्म जोनी मेरा नाम  के सस्पेंस को भी  पीछे छोड़ दिया।उत्तरप्रदेश और वेस्ट बंगाल में आर्थिक पैकेज के बदले अपनी 10% वोटों का  समर्थन देने वाले
      मुलायम सिंह यादव+   उपराष्ट्रपति अंसारी  के नाम पर असहमति व्यक्त कर चुके हैं  और ममता का प्रणव के साथ छत्तीस का पुराना आंकड़ा है |24% वोटों वाली 
भाजपा तो संसद में ही   श्री अंसारी की काबलियत पर  प्रश्न  चिन्ह  लगा उन्हें उन्हें  सिरे से ही   खारिज कर चुकी है 
53% वाली यूपीए की अध्यक्षा को  पता था की ममता मुलायम से सलाह करके ही कोई घोषणा करेगी सो ऐसे ही दो नाम रखे गए और उम्मीद के अनुसार ममता+मुलायम सिंह ने कांग्रेस  की दो उम्मीदवारों की लायन को छोटा करने को अपने तीन नाम घोषित कर दिए।अब कांग्रेस के लिए बीएसपी और वामपंथी दलों के विषय में फैसला करने में आसानी होगी  
     अब पुर्व राष्ट्रपति  के नाम पर कांग्रेस को ऐतराज़ है क्योंकि वह भाजपा की भी पसंद है । सोमनाथ को हरा कर ममता जायंट किलर का खिताब जीत चुक्की हैं 50000 वोटों वाली वामपंथी  भी अभी तक सोमनाथ के हाथों अपना अपमान नहें भूले हैं\वैसे भाजपा हमेशा की तरह आम टूटने की फिराक में है क्योंकि अगर आम सहमति के अपने दावे को कांग्रेस पूरा करती है तो उपराष्ट्रपति का पद एन डी  ऐ की झोली में जा सकता है मगर कांग्रेस भी 2014 तक अपनी छवि को  और धूमिल नहीं होने देना चाहेगी कांग्रेस के लिए भाजपा को इन चुनावों में पटखनी देना जरूरी है 
  हमेशा चुप रहने वाले  हसाड़े  सोने ते मंमोहने पी एम् ने  झट  वर्तमान पद के प्रति अपना  आश्चर्यजनक रूप से  संतोष व्यक्त कर दिया |अर्थार्त अभी सस्पेंस  बरकरार है अभी और नाम आने हैं |
   संविधान के अनुसार सीक्रेट बेलेट से ही प्रत्याशिओं का चयन होना है मगर खुले आम इस प्रकार की सौदे बाज़ी सभी समाज की सभी व्यवस्था का प्रदर्शन तो कतई नहीं करती |
जेंटल मेन द्वारा रचित संविधान जेंटल मेन के लिए ही है मगर देश के सबसे संविधानिक पद के चुनाव के लिए इस प्रकार की राजनीति कुछ और ही दर्शाती है